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सिविल अभियांत्रिकी

भाप्रौसं गांधीनगर में सिविल अभियांत्रिकी विषय विद्यार्थियों के बहुमुखी विकास पर जोर देता है तथा यह विषय के न सिर्फ मूल सैद्धांतिक तथा व्यावहारिक बुनियादी बातों के साथ उन्हें सुसज्जित करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है बल्कि व्यक्तित्व में आत्म-विश्वास भी विकसित करता है इसलिए वे जिस किसी व्यवसाय (औद्योगिक कार्य, शोध, उद्यमशीलता) का चयन करें, एक प्रभाव बनाने के लिए तैयार रहते हैं। वर्तमान में, यह विभाग, संरचनात्मक अभियांत्रिकी, भूतकनीकी अभियांत्रिकी, तथा जल संसाधन में विशेषज्ञता के साथ बी.टेक., एम.टेक. तथा पीएच.डी. उपाधि प्रदान करता है।

विद्यार्थियों को उच्च श्रेणी का सैद्धांतिक, प्रयोगात्मक तथा डिजाइन वाला बहुमिश्रित पाठ्यक्रम मिलता है, जैसे उन्नत मृदा यांत्रिकी, परिमित तत्व विधि, कॉन्टिनम यांत्रिकी, भूमि और जल संसाधनों के रिमोट संवेदन, उन्नत संरचनात्मक विश्लेषण, संरचनात्मक गतिकी, स्थायित्व व नियंत्रण, उन्नत फाउन्डेशन डिजाइन, डिजाइन व निर्माण की चुनौतियों का शमन, तथा कार्यप्रणाली में संरचनात्क अभियांत्रिकी।

वर्तमान में यहाँ सिविल अभियांत्रिकी में 9 संकाय सदस्य हैं। उनकी शोध-अभिरुचि में भूकंपीय अभियांत्रिकी के संरचनात्मक व जैव तकनीकी पहर, निष्क्रिय संरचनात्मक नियंत्रण, स्वास्थ्य निगरानी, मृदा व संरचना की गतिकी, अनिश्चितता की मात्रात्मकता, कम्प्यूटेशनल यांत्रिकी, विषम संरचनात्मक विश्लेषण, संरचना की बड़ी विकृति, टिकाऊ सामग्री निरूपण, डीआईए तकनीक का प्रयोग करते हुए तनाव स्थानीयकरण, बड़े पैमाने पर हाइड्रोलॉजिकल मॉडलिंग वैश्विक खाद्य एवं जल सुरक्षा, जलवायु विभिन्नता व जलवायु परिवर्तन, जलमग्न झिल्ली बायोरिएक्टर के कम्प्यूटेशलन व प्रयोगात्मक अन्वेषण शामिल हैं।